दुनियाभर में क्रिकेट का लोहा मनवा चुके भारतीय कप्तान विराट कोहली के लिए बीता दिन एक काला इतिहास बन जाएगा शायद ही किसी ने सोचा होगा. भारतीय टीम उनकी कप्तानी में पहली बार एक पारी और रनों के अंतर से हारी है. लार्ड्स के मैदान पर यह कारनामा 44 साल पहले हुआ था जब टीम इंडिया को पारी की हार से सामना करना पड़ा था. एक तरफ़ जहां इस मैच में भारतीय बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप रहे तो दूसरी तरफ़ भारतीय गेंदबाजी भी पूरी तरह बिखरी नज़र आई. यदि इसके इतर इंग्लैण्ड टीम की बात करें तो पता चलता है कि इस समय उनके पुछल्ले बल्लेबाज भी क्रिकेट की क्रीज़ पर तहलका मचा रहे हैं. इस मैच की समाप्ति के साथ ही कई रोचक रिकॉर्ड बने.
- खबर पर एक नज़र
इंग्लैण्ड के लार्ड्स क्रिकेट मैदान पर खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारत एक पारी और 159 रनों से पराजित हो गया. यह हार विराट कोहली के लिए किसी काले सच से कम नही था. एक तरफ़ भारतीय बल्लेबाज महज़ 11.85 रन की औसत से ही रन जोड़ पाए तो गेंदबाजों ने एक विकेट के लिए 56.67 रन खर्च किए. गौरतलब है कि इससे पहले खेले गए पहले मैच में भी भारतीय टीम को हार का मुंह देखना पड़ा था.
भारत की तरफ़ से खेली गई दोनों पारियां बेहद निराश करने वाली रहीं. फॉलोऑन ऑन भी नही बचा पाई टीम इंडिया जिसके चलते उसे दूसरी पारी भी खेलनी पड़ी. पहली पारी में टीम कुल 107 रन और दूसरी पारी में 130 रन बना पाई. इससे पहले खेलते हुए इंग्लैण्ड की टीम ने अपनी पहली पारी में 396 रनों का स्कोर खड़ा किया था.
इस टेस्ट मैच की दो पारियों में भारतीम क्रिकेट टीम ने महज़ 496 गेंदें ही खेली जो टेस्ट मैच के लिहाज़ से बेहद निराश करने वाला रहा. यह क्रिकेट इतिहास में भारत की एक बड़ी हार है. भारत के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय इस मैच की दोनों पारियों में खाता भी नही खोल पाए. यह मैच उनके लिए काला अध्याय बन सकता है.
यदि पिछले 4 टेस्ट मैचों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि इंग्लैण्ड में भारतीय क्रिकेट टीम का औसत स्कोर 153 के आसपास ही रहा है. भारतीय टीम सिर्फ एक बार ही 200 का आंकड़ा छू सकी है. इसके इतर भारतीय क्रिकेट टीम 5 से 50 ओवरों में ऑल आउट हो चुकी है. अपनी बल्लेबाजी से दुनिया को चौंका देने वाले भारतीय क्रिकेट कप्तान विराट कोहली का बल्ला भी इन मैचों में नही चल सका.
एक ज़माना था जब भारत के कई बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट के मैदान पर विरोधी गेंदबाज के सामने ऐसे जम जाते थे जैसे कोई दीवार. मसलन पूर्व भारतीय खिलाड़ी राहुल द्रविड़ को टेस्ट मैचों का सरताज भी कहा जाता था. आज के दौर में बल्लेबाजों को इतनी जल्दी क्यों रहती है यह एक बड़ा प्रश्न है. क्रिकेट के बदले हुए स्वरुप या यूँ कहें कि फटाफट क्रिकेट से परंपरागत क्रिकेट मैचों की लोकप्रियता में कमी आई है.
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