आपने अक्सर अपने घर के बड़े बुजुर्ग से जोड़ों की दर्द की शिकायत करते हुए सुना होगा, लेकिन अब तो जोड़ों का दर्द जवानों से लेकर बच्चों तक में देखने को मिल रहा। सभी इस समस्या घिरे हुए हैं। हालांकि कई इलाजों के बावजूद भी लोगों को इस राहत नहीं मिल पाती है और वो इस समस्या को लंबे समय तक झेलते रहते हैं, लेकिन परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप S care की दवाईयों के सेवन से इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
इस दवा से आपको कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होगा। अगर आप इस दवाई को खरीदने के इच्छुक हैं तो हम आपको इस दवाई की पूरी जानकारी दे सकते हैं। जानकारी के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करें। S care की खासियत की बात करें तो ये जोड़ों और हड्डियों के दर्द के लिए काफी असरदायक है साथ ही आपको इस दवाई से काफी लाभ मिलेगा। S care जोड़ों के दर्द के अलावा गठिया और हड्डियों के दर्द को भी ठीक करता है।
बढ़ती उम्र के साथ-साथ यह समस्या होनी आम बात हो गई है, लेकिन जोड़ों की परेशानी सिर्फ दर्द ही नहीं बल्कि जोड़ों में अकड़न, पैर सीधे ना होना और पैर का सुन्न हो जाना यह सभी परेशानियां जोड़ों की समस्या होने पर हो जाती है। जिसको झेलना बड़ा मुश्किल हो जाता है। S care लेने के साथ आपको रोज़ाना योग करना भी ज़रूरी होगा, क्योंकि योगा से आपकी हड्डियों में एक्टिविटी होगी। जिससे आपको जल्द आराम मिलेगा। जोड़ों और हड्डियों की समस्या के लिए s care काफी प्रभावशाली दवाई है। S care अथिया हर्ब्स की दवाई है। यह दवाई मांसपेशियों और हड्डियों की दिकक्तों से आपको छुटकारा दिलाएगी।
क्यों होतो है जोड़ों में दर्द
- जोड़ों के दर्द को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ ना करें, क्योंकि इससे दिन-प्रतिदिन आपकी शरीरिक पीड़ा में वृद्धि होगी। ऐसे होने की कई वजहें होती है लगातार काम करने और थकान की वजह से हाथ, पैर, जोड़ों आदि में दर्द होना आम बात है, लेकिन अगर यह दर्द कई दिनों तक बना रहे तो शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा में वृद्धि यानी हाइपरयूरीकेमिया का भी संकेत हो सकता है। ऐसे में अगर आप इनके लक्षणों को नज़रअंदाज़ करते हैं तो आप बीमारी को न्यौता देते हैं। वैसे भी दुनिया भर में गाउट या गठिया के मरीजों की तादाद तेजी से बढ़ रही है। वहीं, गठिया होने की मुख्य वजह शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा का जरूरत से ज्यादा बढ़ जाना है। सामान्यतः पुरुषों में इसका स्तर 3-7 मिलीग्राम/डीएल और स्त्रियों में 2.5-6 मिलीग्राम/डीएल होता है। शरीर में इससे ज्यादा यूरिक एसिड होने की स्थिति को मेडिकल टर्म में ‘हाइपरयूरीकेमिया’ कहा जाता है। जोकि, आपके लिए कष्टदायक साबित होती है।
- शरीर में जब यूरिक एसिड की मात्रा बढ़नी शुरु हो जाती है तब आपको जोड़ों की समस्या आती है। फिर चाहे वह पैरों पर हो या हाथों पर या फिर कमर दर्द हो। यह सभी दिक्कतें सिर्फ यूरिक एसिड में वृद्धि होने की वजह से होती है। अब बताते हैं किस तरह यूरिक एसिड आपके शरीर में बढ़ने लगता है। जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती है तब यह क्रिस्टल के रुप में जोड़ों में जमने लगते है और आपको जोड़ों में दर्द का एहसास होना शुरु हो जाता है। मुख्य रूप से एडियां, घुटने, हाथ और कलाई की हड्डियां प्रभावित होती हैं। हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनमें विकार उत्पन्न होने लगता है।
- अब बात गठिया की करें तो यह भी ज्यादात्तर लोगों को होता है। इसकी वजह है लगातार काम करना, अल्कोहल का ज्यादा सेवन या किसी तरह की दवाई लेने के बाद होता है, अचानक आनेवाले ये अटैक कभी-कभी बिना ट्रीटमेंट के कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं। यह सबकुछ आपके यूरिक एसिड में निर्भर करता है। जितनी जल्दी आप इसका लेवल कम करेंगें। उतनी ही जल्दी आपको दर्द से राहत मिलेगी।
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